पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और मंत्री नवजोत सिद्धू के बीच और ब-सजय सकती हैं दूरी लूधियाना सिटी केन्द्रस्कैम में नवजोत सिंह ने फरवरी कोर्ट में अमरिंदर सिंह के खिलाफ हलनामा फाइल किया सिद्धू के विभाजन लोकल बाॅडी डिपार्टमेंट ने कोर्ट में हलफनामा दिया हैं कि इस रिटेंशन में कैप्टन अमरिंदर सिंह शामिल हैं और इस केस को बन्द नहीं करना चाहिए। पंजाब की राजनीति में तूफान लाने वाले 1144 करोड रूपये के बहुचर्चित कथित सिटी केन्द्र घोटाले के कार्य में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुश्किल पहले ब-सजय गई थी, जब इस मामले के जांच अधिकारी रहें तत्कालीन विजिलेंस एसएसपी कंवल सिंह की तरफ से जिला एंव सेशन जज के न्यायालय में याचिका दायर कर घोषणा की गई थी कि इस केस को बंद करने से पहले उन्हें भी सुना जाए, क्योंकि इस मामले में वे बहुत कुछ जानते हैं।
कैप्टन को मिली क्लीन चिट सरकार बनने के बाद पंजाब में सरकार संशोधन के बाद पंजाब सत्ता के विजिलेंस विभान ने न्यायालय में कैप्टन अमरिंदर सिंह और 32 अन्य आरोपियों के खिलाफ चल रहे मामले को खत्म करने की खातिर अपनी क्लोजर रिपोर्ट स्वीकृत की थी |
रिपोर्ट में विजिलेंस ने मुख्यमंत्री को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि आरोपी चेतन गुप्ता ने मामले की फीर से जांच के दौरान पाया गया कि मुख्यमंत्री सहित सभी आरोपियों के खिलाफ कोई भी इलजाम साबित नहीं होता हैं और दो बार हुई जांच के बाद पूर्व में गवाहों की और से दिए गए बयान वर्तमान में दिए बयानों से बिल्कुल उलट पाए गए हैं। यह बता दे कि 23 मार्च 2007 में अकाली भाजपा सरकार के कार्यकाल में कैप्टन व अन्य के खिलाफ सिटी केन्द्र स्कैम में मामले दर्ज हुआ था पित तत्कालीन एसएसपी विजिलेंस कंवल जीत सिंह ने ही की थी दिसंबर 2007 में 130 पेज चार्जशीट स्वीकृती की गई थी इस दौरान 32 में से चार आरोपियों मौत हो चुकी हैं अन्य 32 के खिलाफ कैप्टन की सत्ता बनने के बाद विजिलेंस ब्यूरो ने लुधियाना की अदालत में क्लोजर रिर्पार्ट पिछले साल 19 अगस्त को दायर की थी। 1144 करोड के घोटाले के मामले में सेंशन जज के न्यायालय में सुनवाई चल रही हैं।