भारत देश के केरल राज्य में कोरोना की तीसरी लहर के संकेत सामने आने लगे हैं। केंद्र सरकार ने स्थिति बिगड़ने से रोकने के लिए तत्काल उच्च स्तरीय टीम को रवाना किया है।
टीम में नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह को अध्यक्ष बनाया है। अगले तीन दिन में टीम से रिपोर्ट सौंपने के आदेश भी दिए जा चुके हैं। टीम केरल के कुछ कोरोना प्रभावित जिलों का दौरा करेगी और वहां बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी देगी।
यह टीम अपनी रिपोर्ट राज्य और केंद्र सरकार को देगा स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश के कुल सक्रिय मामलों में 37.1 फीसदी हिस्सेदारी केरल की है। यहां 1.54 लाख से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है।
एक हफ्ते में यहां 1.41 फीसदी केसेस की बढ़ोतरी देखने को मिली है। औसतन नए मरीजों की संख्या 17,443 है जबकि संक्रमण दर 12.93 फीसदी तक पहुंच गई है। साप्ताहिक संक्रमण दर 11.97 फीसदी है। केरल के छह जिलों में फिलहाल ऐसी स्थिति है कि यहां रोजाना 10-10 फीसदी से ज्यादा सैंपल कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं।
केरल में बढ़ते कोरोना संक्रमण का असर महाराष्ट्र ,उत्तर प्रदेश व मणिपुर जैसे राज्यों में भी दिखाई पड़ रहा है।
मार्च, अप्रैल और मई में कोरोना महामारी की दूसरी लहर आई थी। 10 मई को इसका पीक गुजरने के बाद नई लहर को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। आईसीएमआर का अनुमान था कि अगस्त में तीसरी लहर दिखाई दे सकती है। जबकि केंद्र सरकार के ही सुपर मॉडल के अनुसार तीसरी लहर अक्तूबर से नवंबर के बीच देखने को मिल सकती है।
स्वास्थ्य डाटा विशेषज्ञ प्रो. रिजो एम जॉन के अनुसार पिछले 51 दिन से देश में औसतन 40 हजार से अधिक दैनिक मामले सामने आ रहे हैं। दूसरी लहर पर काबू हो जाने के बाद भी देश में रोजाना संक्रमित मरीजों की संख्या एक पैमाने पर आकर रुक सी गई है जिसमें कभी भी उछाल आ सकती है।