राजस्थान प्रदेश में बढ़ रहे प्रदूषण को राजस्थान की सरकार रोक नही पा रही है। इस स्थिति से निपटने के लिये कोई विशेष इतंजाम भी नही किये जा रहे है। प्रदेश के कुल 33 जिलो मे 7जिलो मे प्रदुषण का स्तर नापा जा रहा है।
जिस तरह से प्रदेश के 7 जिलो की रिपोर्ट आई है। वो बेहद ही खतरनाक है। इस रिपोर्ट के बाद शेष 26 जिलो को भी प्रदुषण के स्तर के नापने के आदेश भी हो चुकेहै।
लेकिन प्रदूषण जांच का बहुत ही धीमा काम चल रहा है। विश्व स्वास्थ्य सगंठन भी राजस्थान मे बढ़ रहे प्रदूषण पर खेद जाता चुका है। पिछले एक साल से प्रदूषण जांच का काम भी नही चल रहा है जिससे प्रदेश वासी काफी चिन्तित भी है। और प्रदेश मे पहले बनी भाजपा और अब बनी कांग्रेस सरकार को कोष रहे है क्योकि सरकारो ने सिर्फ घोषणा की है पर उस पर पुरी तरह से काम नही किया है।
राजस्थान मे जयपुर 3 अलवर, जोधपुर, उदयपूर, अजमेर, भिवाडी, कोटा, अजमेर मे एक-एक सतत परिवेशी वायु गुणवता जांच केन्द्र है।
राजस्थान के पास अब तक इन्ही जगहो का प्रदुषण रिकाॅर्ड उपल्ब्ध है बाकी पुरे राजस्थान मे कही का भी रिकाॅर्ड ना होना चिन्ता का विषय है पूर्व की भाजपा सरकार ने प्रदेश मे सतत परवेशी वायु गुणवता केन्द्रो को शुरू करने के लिए बजट मे 60 करोड़ रूपये मंजूर किये थे फिर भी इन सब जगह ये शुरू नही हो पा रहे है। जो प्रदेश वासियो के लिए बहुत ही बुरी खबर है।