हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में लैंडस्लाइडिंग हुई है। शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे-5 पर ज्यूरी रोड के निगोसारी और चौरा के बीच अचानक एक पहाड़ दरक गया। एक बस और कुछ गाड़ियों पर चट्टानें गिरी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 50-60 से ज्यादा यात्री मलबे में फंस गए हैं, इनमें से 10 लोगों को निकाल लिया गया है। हादसे में 2 लोगों की जान भी गई है। स्थानीय प्रशासन, पुलिस और NDRF की टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं। ITBP को भी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बुला लिया गया है।
मलबे में फंसी बस हिमाचल रोडवेज की है, जो मूरंग से हरिद्वार जा रही थी। एक बस, एक ट्रक, बोलेरो और 3 टैक्सियों पर चट्टानें गिरी हैं। हिमाचल सरकार ने रेस्क्यू के लिए उत्तराखंड और हरियाणा सरकार से हेलिकॉप्टर सहायता मांगी हैं। आर्मी ने भी अपने दो हेलिकॉप्टर भेजे हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी घटनास्थल पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा ले सकते हैं।
किन्नौर में जुलाई में भी हुआ था भूस्खलन : 25 जुलाई को किन्नौर में भूस्खलन के बाद पहाड़ी से चट्टानें इतनी तेजी से नीचे गिरीं कि बस्पा नदी का पुल टूट गया था। इस हादसे में 9 टूरिस्ट्स की मौत हो गई थी। मरने वालों में 4 राजस्थान के, 2 छत्तीसगढ़ के और एक-एक महाराष्ट्र और वेस्ट दिल्ली के थे। पर्यटक ट्रैवलर गाड़ी में छितकुल से सांगला की ओर जा रहे थे तभी बटसेरी के गुंसा के पास पुल पर चट्टानें गिरने से पुल टूट गया और पर्यटकों की गाड़ी भी चपेट में आ गई थी।
हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि राहत बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। पत्थर गिरने से रेस्क्यू में परेशानी आ रही है। 10 लोगों को बचा लिया गया है। लापता बस है की तलाश जारी है। हादसे में अब तक 2 लोगों के मौत की पुष्टि हो चुकी है , आईटीबीपी ने 50 से 60 लोगों के फंसे होने की आशंका जताई है। बारिश और मौसम के चलते रेस्क्यू में परेशानी आ रही है। आईटीबीपी के पीआरओ ने दो बसों के फंसे होने की भी आशंका जाहिर की है। रेस्क्यू में आईटीबीपी के 300 जवान लगे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह ने सीएम से की बात : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बात की है और किन्नौर हादसे की जानकारी ली है। पीएम मोदी की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया गया है।