नई दिल्ली, Income Tax Return ड्यू डेट से पहले फाइल करने के 2 लाभ है। ITR को ड्यू डेट पर फाइल करने वाले करदाताओं को वित्तीय वर्ष के दौरान भुगतान और कटौती पर किए गए अतिरिक्त कर के क्लेम रिफंड में मदद मिलती है। रिटर्न को ड्यू डेट से पहले फाइल करने पर कर दाता बाद के वर्षों के लिए अपने होने वाले नुकसान को फारवर्ड भी कर सकते हैं।
किसी भी वित्त वर्ष में इनकम टैक्स रिटर्न करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई तय होती है । पर इस साल कोरोना वायरस की दूसरी लहर की वजह से CBDT के द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया गया है।
किसके लिए अनिवार्य है ITR फाइल करना: 2.5 लाख रुपये या उससे अधिक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों के लिए ITR दाखिल करना अनिवार्य है। वरिष्ठ नागरिकों (60- 80 वर्ष की आयु के बीच के व्यक्ति) के लिए यह सीमा 3 लाख रुपये है, जबकि बहुत वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक आयु) के लिए यह सीमा 5 लाख रुपये तक तय की गई है।
टैक्स सिस्टम में दो टैक्स रिजीम उपलब्ध हैं। साल 2020 के बजट में करदाताओं को वित्त वर्ष 2020-21 से नए कर स्लैब के अनुसार करों का भुगतान करने का विकल्प देने वाली एक नई कर व्यवस्था की घोषणा की गई थी। इस नए टैक्स सिस्टम को वैकल्पिक बना दिया गया है और यह पुराने के टैक्स सिस्टम के साथ ही साथ ही अस्तित्व में है।
पुराना टैक्स सिस्टम:
*2.5 लाख रुपये तक आय वाले व्यक्ति को कोई भी टैक्स नहीं देना होता है।
*2.5 लाख – 5 लाख रुपये आय पर 5 प्रतिशत इनकम टैक्स देना होता है।
* 5 लाख – 10 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को 20 प्रतिशत तक इनकम टैक्स देना होता है।
* 10 लाख रुपये से अधिक आय है, तो 20 प्रतिशत इनकम टैक्स देना होता है।